फ्रायड ने प्रेम का विश्लेषण किया, सेक्स हाथ में आ गया, प्रेम विलीन हो गया। फ्रायड ने बहुत मेहनत करके आखिर पता लगाया कि प्रेम-व्रेम कुछ नहीं है, यह तो सब सेक्स है।
और यह सच है। अगर विश्लेषण करेंगे तो यही पता लगेगा। अगर आप भी अपने प्रेम का विश्लेषण करेंगे तो मुश्किल में पड़ जाएंगे, फिर उसमें कुछ नहीं मिलेगा खोजने से, आखिर में सेक्स मिलेगा।
विश्लेषण पार्थिव पर ले आता है। जितना चीजों को तोड़िएगा उतनी नीची होती चली जाएंगी। आखिर में जो अत्यंत मैटीरियल है वही हाथ में आ जाएगा और जो भी स्प्रिचुअल था वह विलीन हो जाएगा। जो भी आध्यात्मिक है,जो भी आत्मिक है, वह सिंथेटिक है, वह जुड़ा हुआ है, वह इकट्ठा है, वह टोटेलिटी में है। वह टुकड़ों में नहीं है, वह समग्र में है। अखंड है, खंड में नहीं है। लेकिन विज्ञान और धर्मशास्त्र और तत्व-चिंतन सब खंड-खंड कर देता है। और तब चीज सब नष्ट हो जाती है।
🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹
No comments:
Post a Comment