Saturday, May 16, 2015

ऊर्जा

Master says....
भोजन से ऊर्जा मिलती है...
नींद मे ऊर्जा संग्रहित होती है...
जागरण में खर्च होती है...
प्राणायाम और व्यायाम से जागती...
धारणा से केन्द्रित होती...
ध्यान से ऊपर चढ़ती...
भय से सिकुड़ती...
वासना में नीचे गिरती...
प्रेम में फैैलती, विस्तृत होती...
और समाधि में विराट के साथ एक होती है, उसमें विलीन होती हैै...

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