❤ प्रेम में एक अमृत है, प्रेम तुम्हें खिला जाता है।
घृणा तुम्हें मार जाती है, घृणा में एक जहर है।।
जो प्रेम से जीते हैं।
जो हृदय से जीते हैं, जिंदगी उनकी है।
और जिनकी जिंदगी है उन्हीं का परमात्मा है।
और जिनकी जिंदगी है उनका स्वर्ग कल नहीं है,
भविष्य में नहीं है, मौत के बाद नहीं है।
उनका स्वर्ग अभी है और यहीं है। वे स्वर्ग में ही हैं।
प्रेम को निखारो!
प्रेम का दीया जलाओ!
प्रेम की दीपावली मनाओ!
प्रेम की फाग खेलो!
प्रेम के रंग-गुलाल उड़ाओ!
जरूर प्रेम अभी बहुत कीचड़ में पड़ा है,
लेकिन कीचड़ से ही तो कमल पैदा होते हैं।
कीचड़ से मुक्त करो कमल को। मगर नष्ट मत कर देना।
नष्ट कर दिया तो सीढ़ी ही टूट गई।
नष्ट कर दिया तो नाव ही टूट गई।
फिर उस पार कैसे जाओगे?
प्रेम की नाव बनाओ।
यही नाव है–एकमात्र नाव, जो उस पार ले जा सकती है।
हिम्मत चाहिए,
परवाने की हिम्मत चाहिए,
जो प्रेम में ज्योति पर झपट पड़ता है और मर जाता है।
उतना साहस चाहिए–
जो सब लोक-लाज खो देता है, छोड़ देता है।
तो जरूर प्रेम तुम्हारे लिए
अभी और यहीं स्वर्ग के द्वार खोल सकता है।
धन्यभागी हैं वे, जिनके ह्रदय में प्रेम है😘
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