One of most loving, sweet and beautiful dialogue between master and his disciple. Some Osho lover may translate in English in comment.
=======================================
भगवान,
कई बार आप भी प्रवचन में बड़ी बहकी बहकी बाते करते है ।यह बात भला आपने कैसे कही
कि आपके जाने के बाद हम किसी नए सदगुरु को खोज ले ?
आप अच्छी तरह जानते है कि हम अनंत काल तक के लिए विवाह सूत्र में बंध चुके है ।आप इस सूत्र से बचने की कोशिश कर रहे है तो अच्छी बात नहीं है -
बुद्ध्पुरुषो को तलाक की सुविधा नहीं है । इतना आप अच्छी तरह जान लो कि हम हर पत्थर में, हर फूल में,हर आँख और हर सितारे में आपका पीछा करते रहेंगे....
==================================
ओशो--------
"मुझे इतना भरोसा है,
इसीलिए तो ऐसे खेल खेल सकता हूँ।इसीलिए मैं कह सकता हूँ कि, किसी जीवित गुरु को खोज़ लेना ।
मुझे तुम पर पूरा भरोसा है -
इसीलिए तो कह सकता हूँ,
'जब मैं चला जाऊं , तो मेरी चिंता मत करनाकिसी नए गुरु को खोज़ लेना ।'
लेकिन तुमने मुझे प्रेम किया है तो तुम्हारे लिए मैं हमेशा जीवित रहूँगा।मैं तुम्हारे प्रेम में जीऊंगा।
यदि तुमने मुझे प्रेम किया है तो भले ही मेरा शरीर चला जाए -
मैं तुम्हारे लिए कभी नहीं मरूंगा ।
लेकिन मैं ये बहकी बहकी बातें कर सकता हूँ क्योंकि मैं तुम्हारे प्रेम को जानता हूँ। तुम्हारे प्रेम में मेराभरोसा है।
जब कोई गुरु एसा कहता है
कि किसी और के पास मत जाना,मुझसे चिपके रहना,मैं चला भी जाऊ तो मेरे साथ चलते रहना -
तो इसका मतलब है वह तुम पर भरोसा नहीं करता। वह डरा हुआ है,उसको संदेह है- उसे पता है कि उसके जाते ही तुम भी चलते बनोगे।
बल्कि उसे पता है कि उसके जीते जी ही तुम अपने रास्ते लगने वाले हो। वह बचाव करता है ।
वह कहता है, 'किसी और के पास मत जाओ। तुम्हारे लिए बस मैं ही हूँ।' वह इतना संदेह में डूबा हुआ है कि शिष्य से उसका परिणय पूरा नहीं हो पाता। उसे तलाक होने का डर है ।
वह कहेगा,'कभी किसी की आराधना मत करना , किसी को प्रेम मत करना,न किसी के पास जाना
न किसी को सुनना -
बस मुझे देखॊ और बाक़ी पूरे संसार को भूल जाओ। बस मुझे ही प्रेम करो ।'
मैं तुमसे ऐसा नहीं कहता। मैं जानता हूँ : मैं चला भी जाऊँगा तो तुम मुझे खोजते रहोगे।
हां, मैं यह भरोसा कर सकता हूँ कि तुम हर पत्थर में,हर आँख में और हर सितारे में मेरी खोज करोगे ।
और एक बात का वायदा मैं भी तुमसे कर सकता हूँ, मुझे खोजोगे तो मुझे पा ही लोगे......
हर आँख हर सितारे में मुझे पा लोगे। क्योंकि तुमने अगर सचमुच किसी सदगुरु को प्रेम किया है तो तुम उसके साथ ही समय की अनंतता में प्रवेश कर जाते हो।
यह सम्बन्ध समय का नहीं समयातीत का है ।"~~~ओशो~~~
No comments:
Post a Comment